UPI Transaction Guidelines 2025: आज के डिजिटल युग में यूपीआई (Unified Payments Interface) भुगतान का सबसे तेज़, आसान और सुरक्षित तरीका बन चुका है। छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े रिटेल स्टोर्स तक हर जगह यूपीआई के जरिए भुगतान किया जा रहा है। लेकिन 1 फरवरी 2025 से यूपीआई यूजर्स के लिए एक बड़ा बदलाव लागू होने जा रहा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने घोषणा की है कि कुछ प्रकार की यूपीआई आईडी का उपयोग अब मान्य नहीं होगा।
आइए जानते हैं इस महत्वपूर्ण बदलाव के बारे में विस्तार से।
एनपीसीआई का फैसला: 1 फरवरी से ब्लॉक होंगे खास ट्रांजेक्शन
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि 1 फरवरी 2025 से यूपीआई लेनदेन में विशेष कैरेक्टर्स (Special Characters) वाली आईडी का उपयोग बंद कर दिया जाएगा।
अब केवल अल्फ़ान्यूमेरिक वर्णों (Alphanumeric Characters) का उपयोग करने वाली यूपीआई आईडी ही स्वीकार की जाएंगी। जिन यूजर्स की आईडी तकनीकी विनिर्देशों के अनुरूप नहीं होगी, उनके लेनदेन ब्लॉक कर दिए जाएंगे।
स्पेशल कैरेक्टर्स क्यों किए जा रहे हैं बैन?
NPCI ने विशेष कैरेक्टर्स को हटाने का निर्णय सुरक्षा और तकनीकी स्थिरता को बनाए रखने के लिए लिया है। विशेष कैरेक्टर्स वाली यूपीआई आईडी से लेनदेन में अक्सर तकनीकी त्रुटियां आ जाती हैं, जिससे पेमेंट में देरी होती है।
इस नए नियम का उद्देश्य यूपीआई प्रणाली को अधिक सुरक्षित और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाना है।
किन यूजर्स पर होगा असर?
- जिनकी यूपीआई आईडी में ‘@’, ‘#’, ‘$’, ‘%’ जैसे विशेष कैरेक्टर्स शामिल हैं।
- वे बैंक और पेमेंट प्लेटफॉर्म जो अभी तक तकनीकी मानकों का पूरी तरह पालन नहीं कर रहे हैं।
- व्यापारी और ग्राहक जो अभी भी पुरानी यूपीआई आईडी का इस्तेमाल कर रहे हैं।
यूजर्स के लिए जरूरी कदम
अगर आपकी यूपीआई आईडी में विशेष कैरेक्टर्स हैं तो आपको नीचे दिए गए सुझाव अपनाने होंगे:
- नई यूपीआई आईडी बनाएं:
अपने बैंक या पेमेंट ऐप के माध्यम से नई अल्फ़ान्यूमेरिक यूपीआई आईडी जनरेट करें। - बैंक से संपर्क करें:
अगर आपके बैंक ने अभी तक इस प्रक्रिया को अपडेट नहीं किया है तो उनसे संपर्क करें। - पुरानी यूपीआई आईडी को अपडेट करें:
ऑनलाइन भुगतान करते समय नई यूपीआई आईडी को सेव कर लें।
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने का उद्देश्य
NPCI का यह कदम यूपीआई ट्रांजेक्शन को और अधिक सुरक्षित बनाने और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। भारत में 2016 की नोटबंदी के बाद से डिजिटल पेमेंट्स में तेज़ी आई है। आज यूपीआई भुगतान प्रणाली दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल पेमेंट नेटवर्क में शामिल हो चुकी है।
फायदे: क्यों जरूरी है यह बदलाव?
- बेहतर सुरक्षा: विशेष कैरेक्टर्स की अनुपस्थिति से फिशिंग और धोखाधड़ी के मामले कम होंगे।
- तेज़ लेनदेन: तकनीकी समस्याओं की कमी से पेमेंट प्रोसेसिंग में तेजी आएगी।
- सरलता: उपयोगकर्ताओं के लिए आईडी याद रखना आसान होगा।
निष्कर्ष
1 फरवरी 2025 से लागू होने वाले इस बदलाव का उद्देश्य यूपीआई प्रणाली को और सुरक्षित और कुशल बनाना है। यदि आप भी यूपीआई यूजर हैं तो अपनी आईडी की जांच करें और समय रहते इसे अपडेट करें। इस तरह आप बिना किसी बाधा के डिजिटल भुगतान का लाभ उठा सकेंगे।