LPG Gas Cylinder Price: भारत में ऊर्जा क्रांति का एक महत्वपूर्ण पहलू है एलपीजी सिलेंडर। पिछले एक दशक में, देश ने स्वच्छ ईंधन के उपयोग में एक अभूतपूर्व बदलाव देखा है। गांव से लेकर शहर तक, एलपीजी सिलेंडर ने न केवल खाना पकाने के तरीके को बदला है, बल्कि लाखों परिवारों के जीवन स्तर में भी सुधार किया है।
एलपीजी सिलेंडर: एक नजर में
तेजी से बढ़ता उपयोग
2014 में, देश में एलपीजी सिलेंडर की संख्या मात्र 14.52 करोड़ थी। वर्तमान में, यह संख्या बढ़कर 31.83 करोड़ तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि भारत की लगभग एक चौथाई आबादी अब स्वच्छ ईंधन का उपयोग कर रही है।
उज्ज्वला योजना: परिवर्तन का मूल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई उज्ज्वला योजना ने इस क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस योजना ने:
- 10.33 करोड़ नए कनेक्शन वितरित किए
- प्रत्येक लाभार्थी को 300 रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की
- 222 करोड़ एलपीजी रिफिल वितरित किए
पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव
एलपीजी सिलेंडर ने पारंपरिक ईंधन के उपयोग से जुड़ी समस्याओं को काफी हद तक हल किया है। लकड़ी और कोयले के धुएं से मुक्ति, वन संरक्षण और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार इसके प्रमुख लाभ हैं।
खपत में निरंतर वृद्धि
- 2019-20 में प्रति व्यक्ति खपत: 3.01 सिलेंडर
- 2023-24 में: 3.95 सिलेंडर
- अनुमानित 2024 तक: 4.34 सिलेंडर
बुनियादी ढांचे में विस्तार
गैस वितरकों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है:
- 2014 में: 13,896 वितरक
- 2024 में: 25,532 वितरक
- ग्रामीण क्षेत्रों में: 90% वितरक सक्रिय
निष्कर्ष
एलपीजी सिलेंडर भारत की स्वच्छ ऊर्जा यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सरकारी पहल और जन समर्थन ने इस क्रांति को संभव बनाया है। यह न केवल खाना पकाने का एक बेहतर विकल्प है, बल्कि देश के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।