FASTag New Rules 2025: भारत में टोल प्लाजा पर ट्रैफिक को सुचारू बनाने और टोल भुगतान को डिजिटल करने के लिए FASTag प्रणाली का उपयोग किया जाता है। यह रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक पर आधारित एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है।
17 फरवरी 2025 से, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा FASTag के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। इन नियमों का उद्देश्य टोल भुगतान प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाना और भुगतान संबंधी विवादों को कम करना है।
FASTag क्या है और क्यों जरूरी है?
FASTag एक कैशलेस टोल भुगतान प्रणाली है, जिससे वाहन चालक बिना रुके टोल प्लाजा पार कर सकते हैं। यह वाहन की विंडशील्ड पर लगे RFID टैग के माध्यम से स्वचालित रूप से टोल शुल्क काटता है। यह न केवल समय बचाता है, बल्कि लंबी कतारों से भी छुटकारा दिलाता है।
FASTag के नए नियम 2025: प्रमुख बदलाव
सरकार द्वारा FASTag प्रणाली को अधिक कुशल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में:
- ब्लैकलिस्टेड FASTag पर प्रतिबंध
- यदि किसी FASTag खाते में कम बैलेंस है या ब्लैकलिस्टेड है, तो टोल भुगतान अस्वीकार कर दिया जाएगा।
- 70 मिनट का ग्रेस पीरियड
- यदि किसी उपयोगकर्ता का FASTag निष्क्रिय हो जाता है, तो उसे 70 मिनट का समय दिया जाएगा ताकि वह इसे सक्रिय कर सके।
- 60 मिनट में अनिवार्य रिचार्ज
- यदि किसी FASTag में पर्याप्त बैलेंस नहीं है, तो उपयोगकर्ता को 60 मिनट के भीतर रिचार्ज करना होगा, अन्यथा दोगुना टोल शुल्क देना होगा।
- 15 मिनट में लेन-देन पूरा करना अनिवार्य
- टोल प्लाजा से गुजरने के 15 मिनट के भीतर भुगतान पूरा न होने पर अतिरिक्त शुल्क लग सकता है।
- चार्जबैक प्रक्रिया में बदलाव
- गलत कटौती के मामलों में अब बैंक केवल 15-दिन की कूलिंग अवधि के बाद ही चार्जबैक अनुरोध स्वीकार करेंगे।
- भुगतान अस्वीकृति कोड
- यदि किसी कारण से FASTag निष्क्रिय रहता है, तो सिस्टम “एरर कोड 176” दिखाएगा और लेन-देन अस्वीकार कर दिया जाएगा।
FASTag नए नियमों का उद्देश्य
इन नए नियमों को लागू करने के पीछे सरकार के मुख्य उद्देश्य हैं:
- टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम को कम करना।
- भुगतान प्रक्रिया को तेज़ और विवाद-मुक्त बनाना।
- उपयोगकर्ताओं को समय पर रिचार्ज करने के लिए प्रेरित करना।
- ब्लैकलिस्टिंग और गलत कटौती जैसी समस्याओं का समाधान करना।
नए नियमों का पालन कैसे करें?
FASTag उपयोगकर्ता निम्नलिखित उपाय अपनाकर इन नए नियमों से संबंधित समस्याओं से बच सकते हैं:
- हमेशा पर्याप्त बैलेंस बनाए रखें ताकि टोल भुगतान में कोई समस्या न आए।
- FASTag की स्थिति नियमित रूप से जांचें ताकि यह ब्लैकलिस्टेड न हो।
- यात्रा से पहले ही FASTag रिचार्ज कर लें ताकि दोगुने टोल शुल्क से बचा जा सके।
- लेन-देन की स्थिति मॉनिटर करें और किसी भी समस्या पर तुरंत बैंक से संपर्क करें।
FASTag नए नियमों का उपयोगकर्ताओं पर प्रभाव
साधारण उपयोगकर्ताओं पर प्रभाव:
- यदि FASTag ब्लैकलिस्टेड हो जाता है, तो टोल प्लाजा पर भुगतान अस्वीकार कर दिया जाएगा।
- रिचार्ज में देरी होने पर दोगुना टोल शुल्क देना पड़ सकता है।
- गलत कटौती के मामलों में 15-दिन की प्रतीक्षा अवधि लागू होगी।
टोल ऑपरेटरों पर प्रभाव:
- टोल लेन-देन में देरी होने पर टोल ऑपरेटर को अतिरिक्त ध्यान देना होगा।
- ग्राहकों की शिकायतों और चार्जबैक प्रक्रिया को नए नियमों के अनुसार संभालना होगा।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1: अगर मेरा FASTag ब्लैकलिस्टेड हो गया तो क्या होगा?
अगर आपका FASTag ब्लैकलिस्टेड हो जाता है, तो आपको टोल प्लाजा पर भुगतान करने में समस्या आ सकती है और दोगुना टोल शुल्क देना पड़ सकता है।
Q2: चार्जबैक प्रक्रिया कैसे काम करेगी?
यदि टोल शुल्क की गलत कटौती होती है, तो बैंक 15-दिन की कूलिंग अवधि के बाद चार्जबैक अनुरोध स्वीकार करेगा।
Q3: क्या मुझे हर बार यात्रा से पहले FASTag बैलेंस चेक करना चाहिए?
हां, यात्रा से पहले FASTag बैलेंस की जांच करना बेहतर होगा ताकि किसी भी असुविधा से बचा जा सके।
निष्कर्ष
FASTag के नए नियम 17 फरवरी 2025 से प्रभावी हो चुके हैं, जिनका उद्देश्य टोल भुगतान प्रणाली को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाना है। उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे इन नियमों का पालन करें और अपने FASTag खातों को हमेशा सक्रिय और बैलेंस से भरा हुआ रखें। यह न केवल आपकी यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि दोगुने शुल्क और अन्य समस्याओं से भी बचाएगा।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए लिखा गया है। कृपया आधिकारिक दिशा-निर्देशों का पालन करें।