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11 फरवरी से बैंक नियमों में बड़ा बदलाव, SBI, PNB और केनरा बैंक के ग्राहकों पर होगा असर Bank Rule Changes

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Bank Rule Changes: भारत में बैंकिंग सेक्टर समय-समय पर नए नियम और बदलाव लाता है जिससे ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकें। इसी क्रम में 11 फरवरी 2025 से भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), और केनरा बैंक जैसे प्रमुख बैंकों के ग्राहकों के लिए चार नए नियम लागू होने जा रहे हैं। इन बदलावों का उद्देश्य ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना और डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देना है। आइए जानते हैं इन महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में विस्तार से।

1. न्यूनतम बैलेंस की नई सीमा

11 फरवरी 2025 से इन बैंकों ने अपने खातों में न्यूनतम बैलेंस की सीमा में बदलाव किए हैं।

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  • शहरी क्षेत्रों में: न्यूनतम बैलेंस की सीमा अब ₹10,000 हो गई है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में: न्यूनतम बैलेंस की सीमा ₹5,000 निर्धारित की गई है।

अगर खाताधारक इस सीमा का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें पेनल्टी चार्ज देना होगा। यह बदलाव बैंकों की वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए किया गया है।

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2. ATM ट्रांजैक्शन लिमिट में बदलाव

ग्राहकों के लिए मुफ्त एटीएम ट्रांजैक्शन की संख्या में कटौती की गई है।

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  • मेट्रो शहरों में: 3 मुफ्त ट्रांजैक्शन की अनुमति होगी।
  • गैर-मेट्रो शहरों में: 5 मुफ्त ट्रांजैक्शन की सीमा रखी गई है।

इसके बाद हर अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर ₹20 का शुल्क लगेगा। यह कदम डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया है।

3. चेकबुक शुल्क में वृद्धि

अब चेकबुक जारी करने पर शुल्क में बढ़ोतरी की गई है।

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  • पहली चेकबुक (20 पन्ने): मुफ्त
  • अतिरिक्त चेकबुक: प्रति चेकबुक ₹50 का शुल्क लगेगा।

यह बदलाव डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए किया गया है ताकि ग्राहक कम से कम कागजी लेन-देन करें।

4. डिजिटल लेन-देन पर विशेष छूट

डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए बैंकों ने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर विशेष छूट देने का फैसला किया है।

  • UPI और NEFT ट्रांजैक्शन: कोई शुल्क नहीं लगेगा।
  • RTGS ट्रांजैक्शन: ग्राहकों को ₹2 की छूट दी जाएगी।

इन बदलावों का उद्देश्य

इन चार नए नियमों का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को सुरक्षित और पारदर्शी बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना है। साथ ही, यह कदम बैंकों की परिचालन लागत को कम करने और ग्राहकों को डिजिटल बैंकिंग की ओर प्रोत्साहित करने के लिए उठाए गए हैं।

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ग्राहकों पर इन बदलावों का प्रभाव

सकारात्मक प्रभाव

  • डिजिटल बैंकिंग को प्रोत्साहन: ऑनलाइन पेमेंट्स पर छूट मिलने से ग्राहक डिजिटल ट्रांजैक्शन की ओर आकर्षित होंगे।
  • बेहतर सुरक्षा: न्यूनतम बैलेंस सीमा और एटीएम ट्रांजैक्शन लिमिट से धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी।
  • बेहतर सेवाएं: बैंकों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी जिससे ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

नकारात्मक प्रभाव

  • ग्रामीण ग्राहकों पर प्रभाव: न्यूनतम बैलेंस सीमा बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राहकों पर आर्थिक दबाव बढ़ सकता है।
  • एटीएम शुल्क वृद्धि: अतिरिक्त एटीएम ट्रांजैक्शन पर शुल्क लगने से ग्राहकों को अधिक खर्च करना पड़ेगा।

कैसे करें इन बदलावों की तैयारी?

इन नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:

  • अपने खाते में हमेशा न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें।
  • डिजिटल पेमेंट जैसे UPI और NEFT का अधिक उपयोग करें।
  • एटीएम ट्रांजैक्शन की संख्या सीमित रखें।
  • अगर चेकबुक की आवश्यकता हो तो पहले से ऑर्डर करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. क्या ये नियम सभी बैंकों पर लागू होंगे?

नहीं, ये नियम फिलहाल केवल SBI, PNB, और केनरा बैंक जैसे बड़े बैंकों पर लागू होंगे।

2. क्या डिजिटल पेमेंट्स पूरी तरह मुफ्त होंगे?

UPI और NEFT ट्रांजैक्शन पूरी तरह मुफ्त होंगे लेकिन RTGS पर मामूली शुल्क लगेगा।

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3. न्यूनतम बैलेंस न रखने पर कितना जुर्माना लगेगा?

यह जुर्माना बैंक और खाते के प्रकार पर निर्भर करेगा लेकिन औसतन ₹10 से ₹50 तक हो सकता है।

निष्कर्ष

11 फरवरी 2025 से लागू होने वाले ये चार नए नियम भारतीय बैंकिंग सेक्टर में एक बड़ा बदलाव लाने वाले हैं। जहां एक ओर ये बदलाव डिजिटल बैंकिंग को प्रोत्साहित करेंगे, वहीं दूसरी ओर ग्राहकों को अपनी वित्तीय योजना में बदलाव करने की आवश्यकता हो सकती है।

Disclaimer: यह लेख केवल सूचना प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया अपने संबंधित बैंक से संपर्क करें या उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जानकारी प्राप्त करें।

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