Google Pay Charges Update: आज के डिजिटल युग में UPI पेमेंट एक आम सुविधा बन गई है, और Google Pay भारत में सबसे लोकप्रिय यूपीआई प्लेटफॉर्म्स में से एक है। लेकिन हाल ही में एक खबर तेजी से वायरल हो रही है कि Google Pay अब कुछ पेमेंट्स पर कनविनियंस फीस (Convenience Fee) वसूलने लगा है। इस खबर ने कई उपयोगकर्ताओं को चिंता में डाल दिया है कि क्या अब UPI लेनदेन भी चार्जेबल हो जाएगा? आइए जानते हैं इस खबर की पूरी सच्चाई।
किन पेमेंट्स पर लगेगा Google Pay चार्ज?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Google Pay ने बिजली बिल, एलपीजी सिलेंडर बुकिंग और अन्य उपयोगिता बिलों के भुगतान पर कनविनियंस फीस लागू करना शुरू कर दिया है। यह शुल्क केवल उन भुगतान पर लागू होता है जो क्रेडिट या डेबिट कार्ड के माध्यम से किए जाते हैं।
कितना चार्ज लगेगा?
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, Google Pay ने निम्नलिखित दरों से चार्ज लगाना शुरू किया है:
- क्रेडिट और डेबिट कार्ड से किए गए भुगतान पर 0.5% से 1% तक की कनविनियंस फीस ली जाएगी।
- इस शुल्क में GST भी शामिल होगा।
- मोबाइल रिचार्ज पर पहले ही ₹3 तक की कनविनियंस फीस लागू की जा चुकी है।
एक ग्राहक ने दावा किया कि जब उन्होंने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बिजली का बिल भरा, तो उन्हें लगभग ₹15 का अतिरिक्त शुल्क देना पड़ा। यह शुल्क “प्रोसेसिंग फीस” के रूप में दिखाई दिया, जिसमें GST भी शामिल था।
क्या UPI ट्रांजेक्शन भी चार्जेबल होंगे?
वर्तमान में, UPI ट्रांजेक्शन पूरी तरह से फ्री हैं, और सरकार इस पर कोई शुल्क नहीं लगाती है। हालांकि, डिजिटल पेमेंट सेवा प्रदाता कंपनियों और बैंकों को हर UPI ट्रांजेक्शन की प्रोसेसिंग पर खर्च करना पड़ता है।
PwC (PricewaterhouseCoopers) के एक विश्लेषण के अनुसार, UPI ट्रांजेक्शन की प्रोसेसिंग लागत लगभग 0.25% आती है, जिसे कवर करने के लिए कई फिनटेक कंपनियां नए रेवेन्यू मॉडल अपनाने की कोशिश कर रही हैं। Google Pay द्वारा कुछ सेवाओं पर कनविनियंस फीस लगाना इसी दिशा में एक कदम हो सकता है।
UPI चार्ज को लेकर सरकार की स्थिति
अभी तक सरकार ने स्पष्ट किया है कि UPI ट्रांजेक्शन पूरी तरह से फ्री रहेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और NPCI (National Payments Corporation of India) भी यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि डिजिटल पेमेंट्स उपयोगकर्ताओं के लिए किफायती और सुगम बने रहें। हालांकि, डिजिटल पेमेंट कंपनियों और बैंकों द्वारा बार-बार UPI पर शुल्क लगाने की मांग उठाई जाती रही है।
क्यों लगा रही हैं कंपनियां कनविनियंस फीस?
Google Pay और अन्य फिनटेक कंपनियां विभिन्न सेवाओं से राजस्व उत्पन्न करने के लिए नए तरीके अपना रही हैं। चूंकि UPI ट्रांजेक्शन पर सीधा शुल्क नहीं लिया जा सकता, इसलिए कंपनियां वैकल्पिक सेवाओं जैसे बिल पेमेंट, मोबाइल रिचार्ज और अन्य ट्रांजेक्शन पर कनविनियंस फीस लगाकर अपनी लागत निकालने की कोशिश कर रही हैं।
Google Pay के इस बदलाव का उपयोगकर्ताओं पर क्या असर होगा?
- सकारात्मक पक्ष: UPI ट्रांजेक्शन अब भी फ्री हैं, इसलिए यदि आप बैंक खाते से सीधे भुगतान करते हैं, तो आपको कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।
- नकारात्मक पक्ष: क्रेडिट और डेबिट कार्ड के उपयोग से किए गए पेमेंट पर अतिरिक्त शुल्क लग सकता है, जिससे कुछ उपयोगकर्ताओं को परेशानी हो सकती है।
- विकल्प: यदि आप अतिरिक्त शुल्क से बचना चाहते हैं, तो UPI के माध्यम से बैंक खाते से सीधे भुगतान करें।
निष्कर्ष: क्या अब Google Pay वाकई फ्री नहीं रहा?
Google Pay ने कुछ पेमेंट्स पर कनविनियंस फीस लगाना शुरू कर दिया है, लेकिन यह केवल क्रेडिट और डेबिट कार्ड से किए गए भुगतान पर लागू होता है। UPI ट्रांजेक्शन अभी भी पूरी तरह से फ्री हैं, इसलिए उपयोगकर्ताओं को घबराने की जरूरत नहीं है।
हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में क्या अन्य डिजिटल पेमेंट कंपनियां भी इसी तरह का शुल्क लागू करती हैं। उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी भुगतान से पहले संभावित शुल्क की जानकारी प्राप्त कर लें और जहां संभव हो, UPI का उपयोग करके फ्री ट्रांजेक्शन करें।