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RBI ने सिबिल स्कोर पर लागू किए 6 नए नियम, जानें 1 तारीख से क्या बदलेगा RBI New Rules CIBIL Score

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RBI New Rules CIBIL Score: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 फरवरी से लागू होने वाले कुछ अहम नियमों की घोषणा की है जो कि क्रेडिट स्कोर से जुड़े हैं। इन नए नियमों का उद्देश्य ग्राहकों के लिए लोन प्रक्रिया को और सरल बनाना और उनके हितों की रक्षा करना है। साथ ही, इन नियमों से ग्राहकों को अपनी क्रेडिट रिपोर्ट और स्कोर की बेहतर जानकारी मिल सकेगी, जिससे वे अपने वित्तीय भविष्य को और बेहतर तरीके से योजना बना सकेंगे।

नए नियमों का उद्देश्य

RBI के नए नियम ग्राहक की वित्तीय जानकारी को अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य लोन आवेदन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना, ग्राहकों को उनकी क्रेडिट स्थिति के बारे में समय-समय पर अपडेट देना, और लोन अस्वीकृति के कारणों को स्पष्ट करना है। इन नियमों से ग्राहकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि उनका क्रेडिट स्कोर कैसे प्रभावित हो रहा है, और वे इसे सुधारने के लिए क्या कदम उठा सकते हैं।

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1. हर 15 दिन में अपडेट होगा क्रेडिट स्कोर

अब से ग्राहक का क्रेडिट स्कोर हर 15 दिन में अपडेट होगा, ताकि उन्हें अपनी ताजा वित्तीय स्थिति का सही-सही पता चल सके। यह अपडेट महीने के 15 तारीख और महीने के अंत में किया जाएगा। इससे ग्राहक आसानी से यह जान पाएंगे कि उनकी क्रेडिट रिपोर्ट में कौन से बदलाव हुए हैं, और वे किसी भी नकारात्मक स्थिति को सुधारने के लिए तुरंत कदम उठा सकते हैं।

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2. सूचनाएं भेजना अनिवार्य

RBI के नए नियमों के तहत, बैंक या एनबीएफसी को अब अपने ग्राहकों को क्रेडिट रिपोर्ट चेक करने पर सूचित करना होगा। यह सूचना एसएमएस या ईमेल के माध्यम से दी जाएगी। इससे ग्राहकों को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि उनका क्रेडिट स्कोर सही है और अगर कोई गलती है तो उसे सही करने के लिए वे समय पर कदम उठा सकें।

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3. लोन अस्वीकृति का कारण बताना जरूरी

अब अगर किसी ग्राहक का लोन आवेदन अस्वीकार कर दिया जाता है, तो बैंकों को यह बताना होगा कि अस्वीकृति का कारण क्या था। इससे ग्राहक यह जान पाएंगे कि उनकी क्रेडिट रिपोर्ट में क्या कमी थी, और वे इसे सुधारने के लिए क्या कदम उठा सकते हैं। इस तरह से ग्राहकों को न केवल सूचित किया जाएगा बल्कि वे अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारने की दिशा में भी आगे बढ़ सकेंगे।

4. मुफ्त में क्रेडिट रिपोर्ट देना अनिवार्य

RBI ने यह भी तय किया है कि क्रेडिट कंपनियों को हर साल एक बार अपने ग्राहकों को मुफ्त में पूर्ण क्रेडिट रिपोर्ट उपलब्ध करानी होगी। इसके लिए कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर एक विशेष लिंक देना होगा, जिससे ग्राहक आसानी से अपनी रिपोर्ट प्राप्त कर सकेंगे। यह कदम ग्राहकों को उनकी क्रेडिट स्थिति का मूल्यांकन करने में मदद करेगा, और उन्हें अपनी स्थिति सुधारने का अवसर मिलेगा।

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5. लोन डिफॉल्ट की पूर्व सूचना

अगर किसी ग्राहक के लोन की डिफॉल्ट स्थिति आ जाती है, तो अब संस्थाओं को ग्राहक को पहले सूचित करना होगा। यह सूचना एसएमएस या ईमेल के जरिए दी जाएगी। इससे ग्राहकों को समय पर अपनी लोन किश्तों का भुगतान करने का मौका मिलेगा और वे लोन डिफॉल्ट से बच सकेंगे। साथ ही, बैंकों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने होंगे जो क्रेडिट स्कोर से संबंधित समस्याओं का समाधान करेंगे।

6. शिकायतों का निवारण समय सीमा

RBI के नए नियमों में यह भी उल्लेख किया गया है कि बैंकों और क्रेडिट ब्यूरो को ग्राहकों की शिकायतों का निपटारा 30 दिनों के भीतर करना होगा। अगर शिकायत का समाधान समय पर नहीं होता है, तो संस्थाओं को प्रतिदिन 100 रुपये का जुर्माना देना होगा। बैंकों को शिकायतों का निपटारा 21 दिनों में और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिनों के भीतर करना होगा। इससे ग्राहकों को जल्दी और प्रभावी तरीके से समाधान मिल सकेगा।

RBI के नए नियमों के फायदे

इन नए नियमों के लागू होने से ग्राहकों को कई लाभ होंगे। सबसे पहले, वे अपनी क्रेडिट रिपोर्ट पर नजर रख पाएंगे और किसी भी नकारात्मक बदलाव का समय रहते पता लगा सकेंगे। दूसरा, अगर लोन आवेदन अस्वीकार होता है, तो उन्हें कारण पता चलेगा और वे अपने स्कोर को सुधारने के लिए कदम उठा सकेंगे। इसके अलावा, बैंकों द्वारा लोन डिफॉल्ट के मामले में समय पर सूचना देने से ग्राहक अपनी वित्तीय स्थिति पर नियंत्रण रख सकेंगे।

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निष्कर्ष

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लागू किए गए ये नए नियम ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। इन नियमों से न केवल क्रेडिट स्कोर की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि ग्राहकों को अपनी वित्तीय स्थिति की बेहतर जानकारी मिलेगी। इन बदलावों से ग्राहक अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारने में सक्षम होंगे और भविष्य में लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बना सकेंगे। ये बदलाव भारतीय वित्तीय प्रणाली में एक सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकते हैं।

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